ख़ामोशी
ख़ामोशी
तुम्हे याद हैं ना
अब हमारी खामोशिया
बाते करती हैं !
पहले से ज्यादा
बिन बात किये अब
कई बाते हो जाती हैं तुमसे !
ये होठ रहते हैं चुप
मगर आँखे बात करती है. !
पहले से ज्यादा करीब हैं
हम एक दूसरे के क्युकि ,
अब हमारे प्यार को मिल गया
एक खुबसूरत रास्ता !
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kavita